रोज़गार छीनना नहीं, रोज़गार देना है हमारी सरकार का मकसद : मुख्यमंत्री
पंजाब
मुख्यमंत्री ने जुगाड़ू वाहनों पर रोक लगाने सम्बन्धी हुक्मों पर अधिकारियों को लगाई फटकार
मुख्यमंत्री के निर्देशों पर परिवहन विभाग ने वापिस लिया हुक्म
चंडीगढ़…….राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को परिवहन विभाग की तरफ से काम चलाऊ (जुगाड़ू) वाहनों पर पाबंदी लगाने सम्बन्धी जारी किये हुक्मों पर नाराज़गी ज़ाहिर की है।
मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को तलब करके स्पष्ट तौर पर कहा कि उनकी सरकार समाज के गरीब वर्गों को रोज़गार देने के लिए बनी है न कि उनसे नौकरियाँ छीनने के लिए। भगवंत मान ने स्पष्ट तौर पर कहा कि अधिकारी इस विवादित हुक्म को वापस लें और चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी किसी भी कोताही के लिए सख़्त कार्यवाही की जायेगी।
श्री भगवंत मान ने विभाग के अधिकारियों को रविवार दोपहर 12 बजे तलब करके उनको विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा। उन्होंने परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर के साथ भी मीटिंग की और उनको तुरंत प्रभाव से यह हुक्म वापिस लेने के लिए कहा। उन्होंने परिवहन मंत्री को मिलने के उपरांत टवीट किया, “पंजाब के हज़ारों लोग काम चलाऊ वाहनों के द्वारा रोज़ी रोटी कमाने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। परिवहन मंत्री और अधिकारियों के साथ मीटिंग के दौरान मैंने उनको स्पष्ट हिदायत की है कि ऐसे किसी भी जुगाड़ू वाहन पर पाबंदी न लगाई जाये। हमारी सरकार का मुख्य उद्देश्य सभी को रोज़गार देना है न कि छीनना।’’
ज़िक्रयोग्य है कि ए.डी.जी.पी., ट्रैफ़िक ने 18 अप्रैल को राज्य के सभी जिलों के ट्रैफ़िक विंगों को हुक्म जारी करते हुये कहा था, कि मेकशिफ्ट (जुगाड़ू) वाहन पुराने दो-पहिया वाहनों के इंजनों के साथ बनाऐ जाते हैं, जो न तो रजिस्टर्ड हैं और न ही उनकी कोई नंबर प्लेट होती है। इस तरह परिवहन विभाग के पास इनका कोई रिकार्ड नहीं होता। यह वाहन आम तौर पर समान की ढुलाई के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं और ज्यादतर ऐसे वाहनों के ड्राइवरों के पास योग्य ड्राइविंग लायसेंस भी नहीं होता। यह वाहन सड़कों पर बड़े हादसों का कारण बनते हैं। यह मामला जैसे ही मुख्यमंत्री के ध्यान में आया, उन्होंने तुरंत परिवहन विभाग से रिपोर्ट माँगी और मामले का सख़्त नोटिस लेते हुये अधिकारियों को तलब करके हुक्म वापस लेने के निर्देश दिए।
————