पंजाब पुलिस ने हिमाचल प्रदेश की फार्मा फैक्ट्री से चल रहे अंतर-राज्यीय ग़ैर-कानूनी फार्मा सप्लाई और निर्माण नेटवर्क का किया पर्दाफाश
पंजाब
पंजाब पुलिस ने हिमाचल प्रदेश की फार्मा फैक्ट्री से चल रहे अंतर-राज्यीय ग़ैर-कानूनी फार्मा सप्लाई और निर्माण नेटवर्क का किया पर्दाफाश
रैकेट के मुख्य सरगना समेत 7 व्यक्ति काबू; 70.42 लाख नशीली गोलियाँ, 725 किलोग्राम ट्रामाडोल पाउडर और 2.37 लाख रुपए की ड्रग मनी बरामद: डीजीपी गौरव यादव
पाँच राज्यों में तीन महीने चली कार्यवाही
चंडीगढ़/अमृतसर……….फार्मा ओपीऑड्ज़ के विरुद्ध बड़ी ख़ुफिय़ा कार्यवाही करते हुए पंजाब पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित फार्मा फैक्ट्री से चल रहे साईकोट्रोपिक पदार्थों के निर्माण और सप्लाई ईकाइयों के अंतरराज्यीय ग़ैर-कानूनी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। यह जानकारी आज यहाँ डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव दी।
यह कार्यवाही स्पेशल टास्क फोर्स, बॉर्डर रेंज, अमृतसर द्वारा गिरफ़्तार किए गए तरनतारन के गाँव कोट मुहम्मद खान के सुखविन्दर सिंह उर्फ धामी और अमृतसर के गोविन्द नगर के जसप्रीत सिंह उर्फ जस्स नामी दो नशा तस्करों के अगले-पिछले संबंधों की तीन महीनों तक की बारीकी से जांच के उपरांत की गई है। बताने योग्य है कि इन तस्करों को इस साल फरवरी महीने ब्यास से 4.24 लाख नशीली गोलियां/कैप्सूल और 1 लाख रुपए की ड्रग मनी समेत गिरफ़्तार किया गया था।
पाँच राज्यों में चलाए गए इस पूरे ऑपरेशन के दौरान पुलिस द्वारा कुल 7 नशा तस्करों/सप्लायरों को गिरफ़्तार किया गया है, और 70.42 लाख नशीली गोलियां/कैप्सूल, 2.37 लाख रुपए की ड्रग मनी और 725.5 किलो नशीले ट्रामाडोल पाउडर की प्रभावी बरामदगी हुई है। इन पाँच राज्यों में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र शामिल हैं।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि इन दो नशा तस्करों की गिरफ़्तारी के बाद एसपी एसटीएफ विशालजीत सिंह और डीएसपी एसटीएफ वविन्दर कुमार के नेतृत्व अधीन पुलिस टीमों ने इस रैकेट के मुख्य सरगना ऐलेक्स पालीवाल को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में ट्रेस करके गिरफ़्तार करने में कामयाबी हासिल की है, और उसके कब्ज़े से 9.04 लाख नशीली गोलियां/कैप्सूल और 1.37 लाख रुपए की ड्रग मनी बरामद की।
उन्होंने बताया कि दोषी ऐलेक्स पालीवाल के खुलासे के उपरांत हिमाचल प्रदेश में कार्यवाही करते हुए ड्रग कंट्रोल अफ़सर सुखदीप सिंह और रमनीक सिंह की मौजूदगी में पुलिस टीमों ने बायोजैनेटिक ड्रग प्राईवेट लिमिटेड की जांच की और रिकॉर्ड ज़ब्त किए। इन रिकॉर्डों से पता लगा कि कंपनी ने केवल आठ महीनों में 20 करोड़ से अधिक एल्पराज़ोलम गोलियों का निर्माण किया। रिकॉर्डों से महाराष्ट्र की मैसर्ज ऐस्टर फार्मा को की जाने वाली सप्लाई का भी पता लगा। इस सम्बन्धी अधिक जांच से बद्दी स्थित बायोजैनेटिक ड्रग प्राईवेट लिमिटेड की दूसरी फार्मा निर्माण कंपनी स्माईलैक्स फार्मा कैम ड्रग इंडस्ट्रीज का पर्दाफाश हुआ।
डीजीपी ने कहा कि स्माईलैक्स फार्मा कैम ड्रग इंडस्ट्रीज के विरुद्ध की गई कार्यवाही के दौरान 47.32 नशीले कैप्सूल और 725.5 किलो नशीले ट्रामाडोल पाउडर-जो कि 1.5 करोड़ कैप्सूल बनाने के लिए काफ़ी था, बरामद हुआ। रिकॉर्ड से पता लगा है कि स्माईलैक्स फार्मा कैम ड्रग इंडस्ट्रीज ने एक साल के अंदर 6500 किलोग्राम नशीला ट्रामाडोल पाउडर खरीदा था।
उन्होंने कहा कि इसी दौरान ही नशीले पदार्थों की ट्रांसपोर्टेशन और वितरण सम्बन्धी जांच करते हुए नशीले पदार्थों की तस्करी के अंतरराज्यीय नेटवर्क की जांच करते हुए 4 अन्य सप्लायर जिनकी पहचान इंतज़ार सलमानी, प्रिंस सलमानी, बलजिन्दर सिंह और सूबा सिंह के तौर पर हुई है, को गिरफ़्तार किया गया। पुलिस टीमों ने चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन के नज़दीक ट्रांसपोर्टेशन वाहन में से 9.80 लाख नशीली गोलियां/कैप्सूल की खेप बरामद की। उन्होंने आगे कहा कि इस सम्बन्धी आगे की पूछताछ जारी है, और अन्य गिरफ़्तारियाँ होने की उम्मीद है।
इस सम्बन्धी एफआईआर नंबर 31 तारीख़ 20.02.2024 को थाना एस.टी.एफ., एस.ए.एस. नगर में एनडीपीएस एक्ट की धाराएं 22-सी, 25, 27-ए और 29 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।
बॉक्स: कार्य विधि
यह समझने के लिए कि नशे पंजाब में कैसे दाखि़ल हुए, जांच टीम ने पता लगाया कि इन नशीले पदार्थों के निर्माण में शामिल लोगों ने कानूनी ज़रूरतों को अनदेखा किया और कानून का उल्लंघन किया। नतीजे के तौर पर, इन पदार्थों के वितरण के समय यह अपने इच्छित प्राप्तकर्ताओं तक नहीं पहुँचे, बल्कि इनको वापस भेज दिया गया और आखिऱकार यह पंजाब में पहुँच गए।
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