भगवंत मान ने एसएसपी और पुलिस कमिश्नरों को गैंगस्टरों के खि़लाफ़ जंग में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए कहा
पंजाब
अधिकारियों को गैंगस्टरवाद के ख़ात्मे के लिए ठोस मुहिम आरंभ करने की दी हिदायत
अधिकारी अपने अधिकार क्षेत्र में कानून-व्यवस्था के उल्लंघन के लिए निजी तौर पर होंगे जि़म्मेदार
प्रमोद बान को गैंगस्टर विरोधी टास्क फोर्स के एडीजीपी के रूप में किया तैनात
पुलिस विभाग द्वारा कानून-व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए कई प्रशासनिक, अल्पकालिक और दंडात्मक उपाय शुरू
चण्डीगढ़…….पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज पुलिस आयुक्तों (सीपी) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एसएसपी) को निजी तौर पर गैंगस्टरों के विरुद्ध लड़ाई में ऑपरेशनों और पूछताछ में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए कहा है।
राज्य के सभी पुलिस आयुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को लिखे एक पत्र में भगवंत मान ने कहा कि सबसे बढिय़ा नेता अग्रणी भूमिका निभाकर मिसाल कायम करते हैं और पंजाब पुलिस की पेशेवर पहुँच और देश के प्रति सेवा पुरानी महान परम्परा है।
पुलिस बल पर भरोसा ज़ाहिर करते हुए मान ने कहा कि पुलिस बल राज्य से गैंगस्टरवाद के ख़ात्मे के लिए ठोस मुहिम शुरु करेगा और बहादुर अधिकारी मार्गदर्शक के रूप में इसमें अहम भूमिका निभाएंगे।
इस पत्र में 5 अप्रैल को हुई कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक का हवाला देते हुए भगवंत मान ने राज्य में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने, भ्रष्टाचार के ख़ात्मे और पुलिस बलों के कल्याण लिए प्रयासों के अलावा कानून-व्यवस्था को बनाए रखने सम्बन्धी अपनी सरकार की मुख्य प्राथमिकता के बारे में बताया है। इसके अलावा उन्होंने राज्य से गैंगस्टरवाद के ख़ात्मे के लिए गैंगस्टर विरोधी टास्क फोर्स (एजीटीएफ) के गठन का भी ऐलान किया।
भगवंत मान ने यह भी स्पष्ट किया कि एजीटीएफ के गठन से किसी भी तरह पुलिस कमिश्नरेट और जि़लों के पुलिस प्रमुखों की जि़म्मेदारी और भूमिका कम नहीं होगी, क्योंकि दोनों ही अपने अधिकार क्षेत्रों में अपराध को नियंत्रित करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जि़म्मेदार हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपने अधिकार क्षेत्र में कानून-व्यवस्था के किसी भी तरह के उल्लंघन के लिए निजी तौर पर जि़म्मेदार होंगे, क्योंकि वह कानून के तहत जवाबदेह हैं।
जबकि एजीटीएफ ख़ुफिय़ा-आधारित कार्यवाहियों पर ध्यान केंद्रित करेगा और तालमेल वाली भूमिका निभाएगा, भगवंत मान ने उम्मीद ज़ाहिर की कि पुलिस आयुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अपने अधीन पुलिस अधिकारियों को संक्षिप्त जानकारी देकर अपराध सम्बन्धी आंकड़ों का विश्लेषण करके भगौड़े गैंग्स्टरों की पहचान करके और गैंगस्टर विरोधी कार्यवाहियाँ करके इनके विरुद्ध बड़ी जंग शुरु करेंगे।
कानून-व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए कई प्रशासनिक, अल्पकालिक और दंडात्मक उपाय किए आरंभ
इस दौरान, पंजाब सरकार द्वारा एडीजीपी स्पैशल क्राइम और इक्नॉमिक क्राइम विंग प्रमोद बान को गैंगस्टर विरोधी टास्क फोर्सएजीटीएफ) के एडीजीपी, एआईजी संगठित अपराध कंट्रोल यूनिट (ओसीसीयू) गुरमीत सिंह चौहान को एआईजी एजीटीएफ और सीपी लुधियाना गुरप्रीत सिंह भुल्लर को डीआईजी एजीटीएफ तैनात करके और डीएसपी खरड़ बिक्रमजीत सिंह बराड़ को डीएसपी एजीटीएफ का अतिरिक्त प्रभार देकर राज्य भर में कानून-व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए प्रशासनिक कदम उठाए गए हैं।
इसके अलावा, एजीटीएफ के कामकाज के लिए स्टैंडिंग ऑर्डर (एसओ) अल्पकालिक उपायों के तौर पर इसकी भूमिका, कार्यों और जि़म्मेदारियों को निर्धारित करता है। दंडात्मक उपायों सम्बन्धी पुलिस विभाग ने 18/19 हत्याओं की तुरंत जाँच की माँग की है, जो हाल ही में हुई हैं। इसके अलावा हाल ही में हुए कत्ल की जाँच में कोताही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों की पहचान और निलंबन का कार्य एजीटीएफ टीम को सौंपा गया है।