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वन एवं वन्य जीव संरक्षण मंत्री द्वारा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान चल रही परियोजनाओं की समीक्षा

पंजाब राज्य में वनों और वृक्षों के अधीन धरती का क्षेत्रफल वर्ष 2030 तक राज्य के कुल क्षेत्रफल का 7.5 प्रतिशत करने का लक्ष्य: लाल चंद कटारूचक

चंडीगढ़/एसएएस ……श्रीमान लाल चंद कटारूचक कैबिनेट मंत्री, वन एवं वन्य जीव संरक्षण विभाग द्वारा वन भवन मोहाली में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए विभाग के कामकाज की समीक्षा की।

बैठक के उपरांत प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वन मंत्री द्वारा बताया गया कि पंजाब राज्य में वनों और वृक्षों के अधीन धरती का क्षेत्रफल वर्ष 2030 तक राज्य के कुल क्षेत्रफल का 7.5 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए और पंजाब को हरा-भरा राज्य बनाने के लिए वर्ष 2022-23 के दौरान वन विभाग द्वारा लगभग 1.15 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। जिसमें से लगभग 60 लाख पौधे ज़रूरत के अनुसार वन भूमि पर लगाए जाएंगे और लगभग 55 लाख पौधे किसानों और लोगों द्वारा लगाए जाएंगे और लोगों के लिए पर्यावरन एवं वन जागरूक पार्क, नानक बगीचियाँ, पवित्र वन (श34 श्चड्डह्म्द्म) छत्तबीड़ चिडिय़ा घर में बटर फ्लाई पार्क तैयार किया जाएगा, पटियाला में वेटनरी अस्पताल का निर्माण किया जाएगा और राज्य के मुख्य हाईवेज़ के पास लम्बे पेड़ लगाकर हरियाली में वृद्धि की जाएगी। इसके अलावा वन विकास निगम के द्वारा इच्छुक पंचायतों की पंचायती ज़मीनों की खरीद की जाएगी और पंचायती क्षेत्रफल में लगे खैर के वृक्षों को वन निगम के द्वारा लगाए जाने की भी योजना बनाई गई है। इसके अलावा लकड़ी की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए वुड सीज़निंग सम्बन्धी नई परियोजना स्थापित की जाएगी।

इससे पहले विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक के दौरान वन मंत्री द्वारा समूह अधिकारियों को हिदायत की गई कि वह आम लोगों की समस्याओं सम्बन्धी निजी तौर पर ध्यान दें। फील्ड अधिकारी अधिक से अधिक फील्ड में रहकर अपना समय लोगों के कार्यों के लिए निकालें और उनको प्राथमिकता के आधार पर समय दें। इस मंतव्य के लिए उनकी तरफ से लोगों की सुविधा के लिए टोल फ्री हैल्पडैस्क नं. 1800 180 2323 और कंडी क्षेत्र के मालिकों को पर्मिट देने की प्रक्रिया में पारदर्शिता की सुविधा बढ़ाने के लिए एक ऑनलाईन पोर्टल भी लॉन्च किया गया है। इसके अलावा राज्य में वन भूमि से नाजायज़ कब्ज़े हटाने के लिए एक कार्य विधि तैयार की जाएगी, जिससे वन भूमि से नाजायज़ कब्ज़ों को हटाया जा सके। वन मंत्री द्वारा राज्य में एग्रो-फॉरैस्टरी को स्वीकृति देने के लिए और किसानों को उनके द्वारा लगाए गए वृक्षों की उचित कीमत देने के लिए एक लकड़ी की मंडी शुरू करने की पहल करने के लिए निर्देश दिए गए।

श्रीमती सीमा जैन, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) द्वारा बताया गया कि वन विभाग के जंगलों की सीमाओं के डिजीटलाईज़ेशन का काम युद्ध स्तर पर शुरू किया जाएगा, जिससे जंगलों में नाजायज़ कब्ज़े और खनन आदि की घटनाओं को रोका जा सके और वन मंत्री जी को आश्वासन दिलाया गया कि विभाग वनों की सुरक्षा को विशेष प्राथमिकता देगा। इस मौके पर वन मंत्री द्वारा सर्विलांस ड्रोन लॉन्च किया गया और हिदायत की गई कि वन अपराध जैसे कि वृक्षों की कटाई, अवैध खनन आदि को रोकने के लिए ड्रोन और आधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया जाए। उनके द्वारा सख़्त हिदायतें जारी की गई कि फील्ड स्टाफ द्वारा ड्यूटी के दौरान वर्दियाँ पहननी सुनिश्चित बनाई जाएँ, क्योंकि रेंज अफ़सर के स्तर तक वन विभाग एक यूनीफॉर्म्ड विभाग है और इससे वनों की सुरक्षा और अधिक प्रभावी ढंग से की जा सकेगी।

विभाग की समस्याओं की समीक्षा करते हुए वन मंत्री द्वारा विभाग में वन रक्षकों और वन रेंज अधिकारियों के बड़े स्तर पर रिक्त पदों को भरने के कार्य की समीक्षा करते हुए कहा कि सरकार जल्द ही इस मुद्दे पर विचार करेगी और इसके अलावा विभाग में 10 सालों से अधिक समय से लगातार काम कर रहे लगभग 1800-2000 दैनिक वेतन भोगी कामगारों को भी नियमित करने के लिए जल्द ही कैबिनेट में विचार किया जाएगा।

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