Tue. Dec 24th, 2024

निजी क्षेत्र की नौकरी में 75% आरक्षण, हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार के फैसले पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने आज हरियाणा सरकार के निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय लोगों को 75 फीसद आरक्षण देने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कानून पर रोक लगाने वाले पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश को रद कर दिया है। कोर्ट ने हाई कोर्ट को एक महीने के भीतर इस मुद्दे पर फैसला करने के लिए कहा है और राज्य सरकार को फिलहाल नियोक्ताओं के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाने का निर्देश दिया है।

बता दें कि 3 फरवरी, 2022 को हरियाणा में स्थानीय उम्मीदवारों के रोजगार अधिनियम 2020 को चुनौती देने वाली एक रिट याचिका पर सुनवाई कर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कानून पर रोक लगा दी थी। गौरतलब है कि पंजाब हाईकोर्ट ने यह आदेश फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की रिट याचिका पर पारित किया था। इतना ही नहीं कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए सरकार को एक नोटिस भी जारी किया था।

पिछले साल नवंबर में अधिसूचित हुआ था कानून

बता दें कि यह कानून पिछले साल खट्टर सरकार ने नवंबर में अधिसूचित किया था और 15 जनवरी से यह लागू हो गया था। यह उन नौकरियों के लिए है जिनमें अधिकतम सकल मासिक वेतन या पारिश्रमिक 30,000 रुपये ही है।गौरतलब है कि इस कानून के तहत सभी कंपनियां, एलएलपी फर्म, समितियां, ट्रस्ट, साझेदारी फर्में और दस या अधिक व्यक्तियों को रोजगार देने वाला कोई भी नियोक्ता आते हैं। लेकिन इसमें केंद्र या राज्य सरकार या उनके स्वामित्व वाले किसी भी उपक्रम को शामिल नहीं किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *