2025 में काशी को कई बड़ी सौगातें मिलने की उम्मीद,अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम से लेकर रोपवे तक जाने
Varanasi development projects 2025 में काशी को कई बड़ी सौगातें मिलने की उम्मीद है जिसमें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम रोपवे रिंग रोड फेज-2 और लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट का विस्तारीकरण शामिल है। इन परियोजनाओं से काशी का विकास होगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। बनारस में इस समय लगभग 700 करोड़ से अधिक की पचास से अधिक परियोजना पर कार्य चल रहा
हपुरातनता को सहेजे अनवरत काशी में बह रही विकास की गंगा नए साल में अपने साथ कई स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगी। काशी को 2025 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, राेपवे, रिंग रोड फेज दो और लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट के विस्तारीकरण, नया टर्मिनल समेत कई छोटी-बड़ी परियोजनाएं मिलने की उम्मीद है। इसी के साथ ही महाश्मशान मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र घाट नव्य भव्य आकार लेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अक्टूबर, 2024 में 2870 करोड़ की सबसे बड़ी परियोजना लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का विस्तारीकरण, नए टर्मिनल का निर्माण की नींव रखी है। परियोजना पूर्ण होते ही बनारस एयरपोर्ट अपने स्वर्णिम दौर में होगा। एक साथ कई विमान यहां लैडिंग कर सकेंगे। इस बड़ी परियोजना के अलावा बनारस में इस समय लगभग 700 करोड़ से अधिक की पचास से अधिक परियोजना पर कार्य चल रहा है।
उत्तर प्रदेश में कानपुर और लखनऊ के बाद यह तीसरा स्टेडियम होगा, जहां अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेले जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 सितंबर को राजातालाब के गंजारी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास किया था। इसे तैयार होने में 30 महीने लगेंगे। 30.86 एकड़ में निर्मित इस स्टेडियम में 30 हजार दर्शक एक साथ बैठकर मैच देख सकेंगे।
इस वर्ष हाकी खिलाड़ियों को नए एस्ट्रोटर्फ मिलेंगे। लालपुर में पुराने के बदले नया एस्ट्रोटर्फ लगाने का काम जोरों पर है। यूपी कालेज के हाकी मैदान में एस्ट्रोटर्फ लगाने के बाद वाराणसी का यह तीसरा हाकी मैदान होगा जहां एस्ट्रोटर्फ लगा होगा।
वियतनाम से तीन करोड़ 45 लाख रुपये की लागत से नया मंगाया गया। एस्ट्रोटर्फ लगाने का काम तेज गति से चल रहा है। इसके लग जाने से बाद हाकी खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का अभ्यास कराया जा सकेगा। इसके साथ ही बीएचयू के हाकी मैदान में एस्ट्रोटर्फ लगाया गया है।
रिंग रोड फेज दो नए साल में मिलने की पूरी उम्मीद है। 950 करोड़ की लागत से वर्ष 2019-20 में शुरू यह प्रोजेक्ट अब अंतिम दौर में है। गंगा पर पुल का निर्माण हो रहा है। इसके पूर्ण होते ही यह परियोजना लोकार्पित हो जाएगी। इससे गाजीपुर, बिहार, जौनपुर व आजमगढ़ से आने वाले रिंग रोड फेज वन पकड़ इस फेज दो मार्ग से आसानी से चंदौली जा सकेंगे।
देश के पहले अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे परियोजना अंतिम दौर में है। कैंट, भारत माता मंदिर (विद्यापीठ) और रथयात्रा में रोपवे स्टेशन तैयार हो चुका है। फसाड से जुड़े कार्य हो रहे हैं। स्टेशन की दीवारों और फर्श पर चुनार का स्टोन लगाया जा रहा है।
हर स्टेशन पर बड़े आकार में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का शिखर, त्रिशूल और डमरू लगेगा। लगभग आठ सौ करोड़ रुपये इस पर खर्च हो रहे हैं। 3.75 किलोमीटर लंबा रोपवे का सफर वाराणसी कैंटोनमेंट रेलवे स्टेशन को गोदौलिया को जोड़ेंगे। पर्यटकों को कैंट स्टेशन से श्रीकाशी विश्वनाथधाम तक पहुंचने का मार्ग आसान हो जाएगा।