थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी का देहरादून दौरा
‘हर काम देश के नाम’
*थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी का देहरादून दौरा*
देहरादून
थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने देहरादून, उत्तराखंड का दौरा किया, जहां उन्होंने आपरेशनल तैयारियों की समीक्षा की और क्षेत्र में तैनात सैनिकों के साथ बातचीत की। उनके साथ मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता भी थे।
इस यात्रा के दौरान सेनाध्यक्ष को लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्रा, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, उत्तर भारत एरिया और मेजर जनरल नवीन महाजन, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, गोल्डन की डिवीजन द्वारा व्यापक जानकारी दी गई। विनिर्देशन में क्षेत्र की आपरेशनल क्षमताओं, सुरक्षा पहलो और बुनियादी ढांचे के विकास को शामिल किया गया।
जनरल द्विवेदी ने सैनिकों के साथ बातचीत की और उनकी कुशलता, समर्पण और राष्ट्र के प्रति अटूट प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। उन्होंने तेजी से जटिल और विकसित हो रहे सुरक्षा वातावरण में ऑपरेशनल दक्षता और अनुकूलनशीलता बनाए रखने के विशिष्ट महत्व को सैनिकों से साझा किया। सेनाध्यक्ष ने भविष्य की चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए उपकरणों के आधुनिकीकरण, प्रशिक्षण मानकों में सुधार और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सेना के चल रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने राष्ट्र की सेवा में किए उनके बलिदानों को स्मरण करते हुए सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के प्रति शीर्ष नेतृत्व की अटूट प्रतिबद्धता का वचन भी दिया।
एक विशेष संबोधन में जनरल द्विवेदी ने सभी कर्मियों को सुखी और समृद्ध 2025 की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
यह यात्रा विभिन्न और चुनौतीपूर्ण इलाकों में तैनात सैनिकों के मनोबल को बढ़ाते हुए सेना के मिशन की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए सेनाध्यक्ष द्वारा अपनाए गए सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाती है।
देहरादून पहुंचने से पहले, सीओएएस 29-30 दिसंबर 2024 को माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह के साथ महू सैन्य स्टेशन में भारतीय सेना के प्रमुख प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों में गए थे। महू में, युद्ध के संपूर्ण स्पेक्ट्रम में लड़ने के लिए सैन्य नेतृत्व को प्रशिक्षण और सशक्त बनाने की दिशा में संस्थान की भूमिका और महत्व पर रक्षा मंत्री को लेफ्टिनेंट जनरल एचएस साही, कमांडेंट, आर्मी वॉर कॉलेज द्वारा जानकारी दी गई थी। माननीय रक्षा मंत्री ने महू गैरीसन के सभी अधिकारियों को भी संबोधित किया था और सभी रैंकों की निस्वार्थ सेवा और समर्पण की सराहना की थी।