पति व्रत से नहीं वार्तालाप से खुश होता है
आज इस मोबाइल के ज़माने में हर घर की ये कहानियां है कि पत्नी मोबाइल मे ज़्यादा व्यवस्थ रहती है फिर पत्नी ही क्यूँ पूरा परिवार ही इस मोबाइल का गुलाम होता जा रहा है
लकिन फिर भी हर पति की चाहत होती है कि वो जब दुकान, ऑफिस से घर आए तो उसकी पत्नी उसको पानी दे, चाय दे ताकि उसका सारे दिन की थकान दूर हो जाए
लकिन आज एसा कम ही देखने को मिलता है
हर दूसरे घर में मोबाइल को लेकर क्लेश देखने को मिलता है
पहले किसी समय में ये संज्ञा शराब को मिला करती थीं
इसी बात को लेकर की जब देखा Facebook में घुसी रहती हो जरा सा घर के बारे में भी सोचा करो लकिन आगे से जवाब मिलता है आप से कम ही मोबाइल में घुसती हू आप भी तो सारा दिन दुकान में बैठ कर मोबाइल चलाने के अलावा करते क्या है…
इसी बात को लेकर क्लेश बड़ जाता है
और इस का कोई अंत नहीं निकल पा रहा है
Facebook मे दोस्त बन कर या बन्ना कर सिर्फ अपने खयाली मन को खुश कर सकते है, परिवार को नहीं
अभी फिलहाल इस बीमारी का कोई विज्ञानिक हल या आयुर्वैदिक उपचार नहीं निकला है
लेखक की आप सभी को राय है जब तक इस बीमारी का अंग्रेजी या आयुर्वैदिक हल ना निकल जाए, जितना हो सके बच कर रहे
(ये लेखक के निजी विचार है आपका सहमत होना या ना होना आप पर निर्भर करता है पसंद आए तो कॉमेंट्स जरूर करना )