मातृ वन्दना योजना के अंतर्गत 52229 लाभार्थियों को चालू वित्तीय साल के दौरान वितरित की जा चुकी है 25 करोड़ रुपए की राशि: डा. बलजीत कौर
पंजाब
मातृ वन्दना योजना के अंतर्गत 52229 लाभार्थियों को चालू वित्तीय साल के दौरान वितरित की जा चुकी है 25 करोड़ रुपए की राशि: डा. बलजीत कौर
कहा, योजना का मुख्य उद्देश्य मां और बच्चे के पोषण और तंदरुस्ती में सुधार करना
दूसरा बच्चा लड़की पैदा होने पर दिए जाते 6 हज़ार रुपए से लिंग अनुपात में सुधार करने के उद्देश्य को मिलेगा प्रोत्साहन
चंडीगढ़………पंजाब सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माताओं के पोषण और स्वास्थ्य स्थिति को ऊँचा उठाने के लिए चालू वित्तीय साल के दौरान 25 करोड़ रुपए की राशि वितरित की जा चुकी है।
इस सम्बन्धी और जानकारी देते हुये सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास संबंधी मंत्री डा. बलजीत कौर ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माताओं के पोषण और सेहत स्थिति को ऊँचा उठाने के लिए लगातार कार्यशील है। उन्होंने बताया कि इस स्कीम के अंतर्गत राज्य में चालू वित्तीय साल के दौरान कुल 52229 महिला लाभार्थियों को 25 करोड़ बाँटे जा चुके हैं।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा 19 साल और इससे अधिक उम्र की महिलाओं को पहले जीवित बच्चे के जन्म पर 5000/- रुपए दो किश्तों में (रुपए 3000$2000) और दूसरा बच्चा लड़की पैदा होने पर 6000/- रुपए दिए जाते हैं। यह राशि प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माताओं के पोषण और सेहत स्थिति को ऊँचा उठाने के लिए दी जाती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आंशिक मुआवज़ा प्रदान करके माता और बच्चे के पोषण और तंदरुस्ती में सुधार करना है।
मंत्री ने बताया कि मातृ वन्दना योजना के अंतर्गत मार्च 2024 तक कम से कम 98036 लाभार्थियों के फार्म भरने का लक्ष्य रखा गया था, जोकि विभाग द्वारा नवंबर 2023 तक ही पूरा कर लिया था और जनवरी 2024 तक लगभग 1 लाख 16 हज़ार महिला लाभार्थियों के फार्म भरे जा चुके हैं।
मंत्री ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य राज्य में जन्म के समय लड़कियों के कम रहे लिंग अनुपात में सुधार करना है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के सभी आंगणवाड़ी सैंटरों में आंगणवाड़ी वर्करों द्वारा इस वित्तीय सहायता के लिए फार्म भरे जाते हैं। उन्होंने बताया कि वित्तीय सहायता की अदायगी सीधी लाभार्थियों के बैंक खातों/ डाकखाना खातों में की जाती है, जो आधार कार्ड से जुड़ा होना लाज़िमी है।
डा. बलजीत कौर ने विभाग के अधिकारियों को हिदायत की कि राज्य के योग्य लाभार्थियों के फार्म भरे जाने और इन लाभार्थियों को अधिक से अधिक लाभ पहुँचाया जाये।