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नगर एवं ग्राम योजना विभाग ने पातलियों में जन जागरण कार्यक्रम किया आयोजित

हिमाचल

नगर एवं ग्राम योजना विभाग ने पातलियों में जन जागरण कार्यक्रम किया आयोजित

नगर एवं ग्राम योजनाकार रमेश भारद्वाज ने योजनाबद्ध निर्माण के बताए लाभ

नाहन

नगर एवं ग्राम योजना विभाग द्वारा आज ग्राम पंचायत पातलियों के पंचायत घर में जन जागरण बैठक का आयोजन किया जिसकी अध्यक्षता नगर एवं ग्राम योजनाकार, नाहन रमेश भारद्वाज ने की।

उन्होंने बताया कि इस बैठक में सरकारी व गैर-सरकारी सदस्य, तहसील नाहन व पॉवटा साहिब की पंचायतों के प्रतिनिधि और पंजीकृत प्राइवेट प्रैक्टिशनरज ने भाग लिया जिन्हें टी0सी0पी0 की आवश्यकता एवं महत्व के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई।

उन्होंने नगर एवं ग्राम योजना अधिनियम 1977 के अधीन राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित विभिन्न नीतियों एवं नियमों के बारे में जानकारी दी

रमेश भारद्वाज नें योजनाबद्ध निर्माण के फायदों के बारे में बताया कि प्लॉट का सही आकार होने से ग्राम एवं शहर का सही ढंग से विकास होगा। उन्होनें बताया कि मकान के चारों ओर सैट-बैक्स व खुले स्थान छोड़ने से मकान में नमी, सीलन, बिमारियों से मुक्ति, उचित हवा व रोशनी का होना, आग व अन्य प्राकृतिक आपदाओं से बचाव, घर के रख-रखाव में सुविधा, पार्किंग के लिए जगह, स्वच्छ वातावरण और सर्विस लाईनों के लिए जगह उपलब्ध होगी।

उन्होनें बताया कि सीमित मंजिला मकान बनाने से भूकम्प या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा, धूप, रोशनी व हवा की उपलब्धता तथा किसी प्रकार की आपदा आने पर कम जानमाल का नुकसान होता है। मकान के अन्दर पार्किंग होने से सड़कों पर गाड़ियों का आवागमन सुचारू ढंग से बनाये रखने के साथ-साथ गाड़ी को नुकसान व चोरी से बचाया जा सकता है।

उन्होनें बताया कि नगर एवं ग्राम योजनाकार द्वारा भूमि कटान को सही तरीके व भूमि कटाव 3.50 मीटर से अधिक न करने पर बल दिया जा रहा है। उनके द्वारा सोलर प्रावधान के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गयी।

बैठक के दौरान सहायक नगर योजनाकार सानिका पठानिया ने हिमाचल प्रदेश टी0सी0पी0 विनिमय 1, 7 व 8 के बारे में उपस्थित लोगों को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने प्लॉट सब-डिवीजन की उपयोगिता व इसके न करवाने के दुष्परिणामों के बारे में भी बताया। 27 मार्च 2009 की अधिसूचना में सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए दी गई छूट के बारे में, वर्षा जल संग्रहण टैंक बनाने व सौर ऊर्जा के दोहन के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी।

उन्होनें अपार्टमेंट व रेरा विनियम के बारे में भी विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि जहां पर 8 रिहायशी इकाइयों व 2500 वर्ग मीटर से ज्यादा प्लॉट एरिया है वहां पर हिमाचल प्रदेश टी0सी0पी0 विनिमय-7 लागू होगा व रेरा में पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा।

इस दौरान राजेन्द्र सिंह वरिष्ठ प्रारूपकार, सूरज तोमर कनिष्ठ अभियंता व बलवीर सिंह कनिष्ठ योजना प्रारूपकार भी मौजूद रहे।

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