ग्लोबल सिख काउंसिल द्वारा संयुक्त राष्ट्र से इजराइल-फिलिस्तीन युद्धविराम के लिए तुरंत हस्तक्षेप करने, युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल सहायता प्रदान करने की अपील
अन्तरराष्ट्रीय
• निज्जर हत्याकांड की जांच में भारत कनाडा से करे सहयोग
• सभी सिखों से एसजीपीसी चुनावों में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील
चंडीगढ़
ग्लोबल सिख काउंसिल (जी.एस.सी.) ने इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध के दौरान मारे जा रहे निर्दोष लोगों विशेषकर बच्चों और महिलाओं की मौतें को रोकने के लिए एक आह्वान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से तत्काल हस्तक्षेप करने और युद्धग्रस्त गाज़ा क्षेत्र में युद्धविराम करवाने की अपील की है।
जी.एस.सी. के इस ऑनलाइन सम्मेलन और वार्षिक आम बैठक (ए.जी.एम.) के दौरान काउंसिल की कार्यकारी समिति ने दोनों पक्षों के विनाशकारी हवाई हमलों की निंदा करते हुए एक कड़ा प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया कि युद्ध के परिणामस्वरूप, निर्दोष नागरिकों को अत्यधिक पीड़ा हो रही है। कार्यकारनी ने संयुक्त राष्ट्र से गाजा के लोगों को आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति और भोजन सहित मानवीय सहायता की तत्काल डिलीवरी शुरू करने का भी आह्वान किया है।
यहां जारी एक बयान में 31 देशों के राष्ट्रीय संगठनों के वैश्विक ऑर्गेनाइज़ेशन रूप में प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन, जी.एस.सी. की अध्यक्ष लेडी सिंह डा. कंवलजीत कौर ओ.बी.ई. ने बताया कि कार्यकारनी ने एक अन्य प्रस्ताव भी पारित किया है जिसमें वैनकूवर (कनाडा) की इक गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के प्रमुख भाई हरदीप सिंह निझर की नृशंस हत्या के संबंध में कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा लिए गए साहसी निर्णय की सराहना की है और आरोपियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए भारत सरकार से अंतरराष्ट्रीय जांच में सहयोग करने का आग्रह किया है।
दुनिया भर में, विशेषकर पंजाब और भारत के अन्य राज्यों में सिख क़ौम के मामलों का जायजा लेते हुए, काउंसिल के सदस्यों ने सभी सिखों से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एस.जी.पी.सी.) के आगामी आम चुनावों में सक्रिय रूप से भाग लेने और वोट डालने के लिए सदस्य बनने का आग्रह करते हुए गुरुद्वारा चुनावों में अपने अधिकार का समझदारी से मतदान करने की अपील की है।
इस सम्मेलन के दौरान, तमिलनाडु से वकील जीवन सिंह ने सिख क़ौम के भीतर जाति के मुद्दे को छुआ और तीन शताब्दी पहले ‘खालसा’ पंथ की स्थापना के समय गुरुओं द्वारा स्थापित सिद्धांतों के अनुसार भारत में जाति रहित और समतावादी समाज के निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने प्रबुद्ध राष्ट्र के निर्माण के लिए हाशिए पर मौजूद और वंचित वर्गों के उत्थान के महत्व पर जोर दिया।
इस अवसर पर, विभिन्न सिख नेताओं ने सिख मुद्दों और प्रस्तावित प्रस्तावों पर विचार साझा किए, जिनमें तख्त श्री दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी केवल सिंह, एसजीपीसी सदस्य सरदारनी किरनजोत कौर, वर्ल्ड सिख न्यूज के जगमोहन सिंह, हरसिमरन सिंह, ऑस्ट्रेलिया से हरबीर सिंह भाटिया, कर्नल जगतार सिंह मुल्तानी, मलेशिया से जागीर सिंह, इंडोनेशिया से डॉ. करमिंदर सिंह, फ्रांस से गुरदयाल सिंह, कनाडा से करणबीर सिंह, राजिंदर सिंह, हरजीत सिंह, हरसरन सिंह, यूके से सतनाम सिंह और यूएसए से परमजीत सिंह शामिल थे।
जी.एस.सी. सम्मेलन को संबोधित करते हुए यूके से लेडी सिंह डॉ. कंवलजीत कौर ने शिरोमणि कमेटी से खालसा पंथ की व्यापक जरूरतों, चुनौतियों और प्राथमिकताओं पर ध्यान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जी.एस.सी. सिख समुदाय के भीतर और विश्व स्तर पर शांति, न्याय और सामाजिक प्रगति के लिए दृढ़ता से काम करती रहेगी।